श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा SRI VINDHYESHWARI CHALISA ++
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archmage | Date: Monday, 30-May-2011, 2:52 PM | Message # 1 |
-- dragon lord--
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श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा
दोहा नमो नमो विन्ध्येश्वरी नमो नमो जगदम्ब. सन्तजनों के काज में करती नही विलम्ब. चोपाई जय जय जय विन्ध्याचल रानी. आदि शक्ति जग विदित भवानी. सिंहवाहिनी जय जग माता. जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता. कष्ट निवारणी जय जग देवी. जय जय जय सन्त असुर सुर सेवी. महिमा अमित अपार भवानी. शेश सहस मुख वर्णत हारी. दीनन के दुःख हरत भवानी. नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी. सब पर मनसा पुरवत माता. महिमा अमित जगत विख्याता. जो जन ध्यान तुम्हारो लावे. सो तुरतहिं वांछित फ़ल पावे. तू ही वैश्णवी तू ही रुद्राणी, तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी. रमा राधिका श्यामा काली, तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली. उमा माधवी चन्ड़ी ज्वाला, बेगि मोहि पर होहु दयाला. तू ही हिंगलाज महारानी, तू ही शीतला अरु विज्ञानी. दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता, तू ही लक्ष्मी जग सुखदाता. तू ही जाहनवी अरु उत्राणी. हेमावति अम्बा निर्वाणी. अश्टभुजी वाराहिनी देवा. करत विष्णु शिव जाकर सेवा. चौसठ देवी कल्यानी. गौरी मंगला सब गुणखानी. पाटन मुक्ता दन्त कुमारी. भद्रकाली सुन विनय हमारी. वज्रधारिणी शोक नाशिनी. आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी. जया और विजया बैताली. मातु संकटी अरु विकराली. नाम अनन्त तुम्हार भवानी. बरनै किमी मानुश अज्ञानी. जा पर कृपा मातु तव होई. तो वह करै चहै मन जोई. कृपा करहु मो पर महारानी. सिद्ध करिए अब म्म बानी. जो नर धरै मातु पर ध्याना. ताकर सदा होए कल्याना. विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै. जो देवी का जाप करावै. जो नर कहं ऋण होय आपारा. सो नर पाठ करै शत बारा. निश्चय ऋण मोचन होई जाई.जो नर पाठ करै मन लाई. अस्तुति जो नर पढ़ै पढ़ावै. या जग में सो अति सुख पावै जा को व्याधि सतावै भाई. जाप करत सब दूर पराई. जो नर अति बन्दी महं होई. बार हजार पाठ कर सोई. निश्चय बन्दी ते छुटि जाई. सत्य वचन मम मानहु भाई. जा पर जो कछु संकट होई. निश्चय देविहिं सुमिरै सोई. जा कहँ पुत्र होय नहि भाई. सो नर या विधि करे उपाई. पाँच वर्ष सो पाठ करावै. नौरातन में विप्र जिमावै. निश्चय गोहिं प्रसन्न भवानी. पुत्र देहिं ताकहँ गुणखानी. ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै. विधि समेत पूजन करवावै. नित प्रति पाठ करै मन लाई, प्रेम सहित नहिं आन उपजाई. यह श्री विन्ध्याचल चालीसा. रंक पढ़त होवे अवनीसा. यह जानि अचरज मानहुं भाई. कृपा दृष्टी जापर होई जाई. जय जय जय जगमात भवानी. कृपा करहू मोहिं पर जन जानी. जय जय जय जगमात भवानी. कृपा करहु मोहि पर जानी.
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Manu | Date: Monday, 27-June-2011, 5:00 PM | Message # 2 |
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| विन्ध्येश्वरी स्तोत्र
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Manu | Date: Tuesday, 12-July-2011, 10:13 AM | Message # 3 |
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